अतिपरिचयादवज्ञा सन्ततगमनादनादरो भवति । मलये भिल्लपुरन्ध्री चन्दनतरुकाष्ठमिन्धनं कुरुते ॥ शार्ङ्गधरपद्धतिः नीतिपद्धतिः - ८९ atiparicayādavajñā santatagamanādanādaro bhavati । malaye bhillapurandhrī candanatarukāṣṭhamindhanaṃ kurute ॥ पदच्छेदः अतिपरिचयात्, अवज्ञा, सन्ततगमनात्, अनादरः, भवति, मलये, भिल्लपुरन्ध्री, चन्दनतरुकाष्ठम्, इन्धनं, कुरुते । तात्पर्यम् अतिपरिचयः उपेक्षायाः कारणं भवति, पुनः पुनः गमनेन अनादरः भवति । मलयपर्वतप्रदेशे वसमाना भिल्लस्त्री श्रीगन्धस्य काष्ठम् इन्धननिमित्तम् उपयुङ्क्ते । English meaning Excessive familiarity breeds contempt, going repeatedly (to someone else's house) causes disrespect. On the Malaya mountain, the tribal housewife uses sandalwood as fuel! Familiarity breeds contempt. The bhil woman has no knowledge of the real world value of sandalwood, but she sees it as ready source of fuel wood. She sees the sandalwood so often so she has no appreciation of its qualities, anymore.
Posts
Showing posts from November, 2024
- Get link
- X
- Other Apps
अग्निशेषम् ऋणशेषम् शत्रुशेषम् तथैव च | पुन: पुन: प्रवर्धेत तस्मात् शेषम् न कारयेत् || अग्नि=आग = fire शेषम् = बचा हुआ = remnant of ऋण = क़र्ज =debt शेषम् = बचा हुआ =remnant of शत्रु =दुश्मन्। =r enemy शेषम् = बचा हुआ =remnant of तथैव च = सब समान हैं = are similar पुन: पुन: = बार बार = again and again प्रवर्धेत = बड़ते ही रहतें हैं= will keep growing तस्मात् = इसलिये = therefore शेषम् = इन्हें = these बचा हुआ=remnant of न कारयेत् = न छोड़े = never left यदि कोई आग, ऋण, या शत्रु अल्प मात्रा अथवा न्यूनतम सीमा तक भी अस्तित्व में बचा रहेगा तो बार बार बढ़ेगा ; अत: इन्हें थोड़ा सा भी बचा नही रहने देना चाहिए । इन तीनों को सम्पूर्ण रूप से समाप्त ही कर डालना चाहिए। If a fire, a debt, or an enemy continues to exist even to a small extent, they will grow again and again; so do not let any one of these remain and eliminate them completely =
- Get link
- X
- Other Apps
अश्वं नैव गजं नैव व्याघ्रं नैव च नैव च | अजापुत्रं बलिं दद्याद्देवो दुर्बलघातकः || - सुभाषित रत्नाकर (स्फुट) भावार्थ - देवता को घोडे की नहीं , हाथी की नहीं और व्याघ्र की भी बलि नहीं दी जाती है और केवल बेचारे बकरे की ही बलि दी जाती है | सचमुच देवता भी दुर्बल प्राणी के लिये ही घातक सिद्ध होते हैं | Ashvaam naiva gajam naiva vyaaghram naiva cha. naiva cha. Ajaaputram balim dadyaaddevo dutrbala-ghaatakah. Ashvam = a horse. Naiva =no. Gajam = an elephantt. Vyaghram = a tiger. Aajaputram = son of a she-goat. Balim = sacrificing an animal as an offering to God. Dadyaaddevo = dadyaat + devo. Dadyaat =is given. Devo = the God. Durbala = weak. Ghatakah = deadly. i.e. For animal...