कूप मण्डूक न्याय
कूप=कूंआ, well
मण्डूक=मैंडक्, frog
कूंअे के मैंडक् की दृष्टिकोण बस कुअें तक ही सीमित है। ईश्वर की अपार सृष्टी असकी कलपना के पार है
The frog in the well cannot contemplate or imagine the immense universe beyond the narrow confines of its well.
This कूपमण्डुकन्याय axiom lends itself to many applications
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